Career Tips: मां बनने के बाद फिर से शुरू करना है करियर, तो इन 3 बातों का जरूर रखें ध्यान
Time management for Working Women: मां बनने के बाद महिलाओं को फिर से करियर शुरू करने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है. करियर ब्रेक को खत्म करना बड़ी चुनौती होती है. ऐसे में आइए जानते हैं कि किन टिप्स को अपनाकर ऐसी महिलाएं अपने करियर ब्रेक को खत्म कर सकती हैं.
Time management for Working Women: मां बनने के बाद कई महिलाओं के लिए नौकरी पर दोबारा लौटना आसान नहीं होता. टाइम मैनेजमेंट, स्किल्स का गैप और ऑफिस में खुद को विजिबल बनाना, ये सबसे बड़ी चुनौतियां होती हैं. लेकिन सही प्लानिंग और स्ट्रेटजी अपनाकर महिलाएं न सिर्फ काम पर वापसी कर सकती हैं, बल्कि करियर में अच्छी ग्रोथ भी पा सकती हैं.
एनटीपीसी लिमिटेड की चीफ जनरल मैनेजर (HR) और एनएसपीसीएल की सीएचआरओ, प्रेमलता के मुताबिक, जब कोई महिला करियर ब्रेक के बाद लौटती है तो सबसे पहले उसे टाइम मैनेजमेंट की मुश्किल आती है. वह पहले से ही बच्चे और परिवार के लिए काम कर रही होती है. दूसरा चैलेंज स्किल्स का गैप होता है. आइए जानते हैं कि ऐसी महिलाएं किन टिप्स से अपने करियर ब्रेक को आसानी से खत्म कर सकती हैं.
सिर्फ रिज्यूमे अपडेट करना काफी नहीं
करियर ब्रेक के बाद वापसी सिर्फ रिज्यूमे अपडेट करने से नहीं होती. इसके लिए जरूरत होती है असर्टिवनेस यानी, दृढ़ता से अपनी बात रखने, विजिबिलिटी यानी, अपने काम को सही तरीके से दिखाने और नेटवर्किंग की. इन तीनों चीजों पर ध्यान देकर महिलाएं टाइम और स्किल्स के गैप को खत्म कर सकती हैं और लंबे समय तक प्रोफेशनल ग्रोथ बनाए रख सकती हैं.
असर्टिवनेस क्यों जरूरी है?
काम पर वापसी करने वाली महिलाओं के लिए सबसे पहले जरूरी है कि वह असर्टिव रहें. इसका मतलब है कि बिना आक्रामक हुए आत्मविश्वास के साथ अपनी बात रखें और अपने काम का क्रेडिट लें. रिसर्च भी बताती है कि जो महिलाएं असर्टिव होती हैं, उनके बिजनेस और करियर रिजल्ट बेहतर आते हैं.
विजिबिलिटी और डॉक्यूमेंटेशन
दूसरी बड़ी जरूरत है विजिबिलिटी की यानी अपने काम और अचीवमेंट को डॉक्यूमेंट करना. जब काम लिखित रूप से सामने होता है तो भरोसा बढ़ता है और प्रमोशन या नई जिम्मेदारियों का रास्ता भी खुलता है. रिसर्च के मुताबिक, करियर ब्रेक के बाद लौट रही महिलाओं को अपने काम को साबित करने के लिए डॉक्यूमेंटेशन सबसे ज्यादा मदद करता है.
नेटवर्किंग से खुलते हैं मौके
तीसरा बड़ा फैक्टर है नेटवर्किंग. कई महिलाएं इस पर ध्यान नहीं देतीं, लेकिन यह करियर ग्रोथ का अहम हिस्सा है. नेटवर्किंग से न सिर्फ नई जॉब और मौके मिलते हैं, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ता है. खासकर पुरुष-प्रधान सेक्टर्स में नेटवर्किंग महिलाओं के लिए और भी जरूरी हो जाती है. रिसर्च के अनुसार, सिर्फ स्किल्स को अपडेट करना काफी नहीं है. जब महिलाएं अपस्किलिंग के साथ-साथ नेटवर्किंग करती हैं, तो उनके दोबारा नौकरी पाने और ग्रोथ के चांसेज कई गुना बढ़ जाते हैं.
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