Breaking News

बाढ़ से जूझते कई राज्य, मदद को आया सुप्रीम कोर्ट, CJI समेत सभी जज PMFRF में देंगे 25-25 हजार रुपये

सुप्रीम कोर्ट के जजों ने देश के कई राज्यों में हुई भारी बारिश और बाढ़ को देखते हुए प्रधानमंत्री बाढ़ राहत कोष में स्वेच्छा से 25-25 हजार रुपये का योगदान करने का ऐलान किया है. इससे पहले जम्मू-कश्मीर HC के जजों ने भी केंद्र शासित प्रदेश के लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया था.


लगातार बारिश और विनाशकारी बाढ़ ने जम्मू-कश्मीर समेत उत्तर भारत के कई राज्यों को खासा नुकसान पहुंचाया है. इस प्राकृतिक आपदा में बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई जबकि पीड़ित राज्यों को हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान उठाना पड़ा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार को आपदा से पीड़ित हिमाचल प्रदेश और पंजाब राज्य का दौरा किया और वहां के हालात का जायजा लिया. पीड़ित राज्यों की मदद के लिए लोग आगे आ रहे हैं और अब सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों ने बाढ़ को देखते हुए प्रधानमंत्री बाढ़ राहत कोष में 25-25 हजार रुपये का योगदान दिया है.

मुख्य न्यायाधीश के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट के जजों ने देश में हुई भारी बारिश और बाढ़ को देखते हुए प्रधानमंत्री बाढ़ राहत कोष (Prime Ministers Flood Relief Fund) में स्वेच्छा से 25-25 हजार रुपये का योगदान करने का ऐलान किया है. यह सामूहिक पहल देश के अलग-अलग क्षेत्रों में मौजूदा बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जजों की गहरी चिंता को दर्शाती है और मानवीय मूल्यों तथा देश सेवा के प्रति न्यायपालिका की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराती है. साथ ही जजों ने प्रभावित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है.

HC के जजों ने दिए 54 लाख रुपये

इससे पहले जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने कल सोमवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में हाल ही में आई विनाशकारी बाढ़ से प्रभावित लोगों के पुनर्वास और कल्याण हेतु मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) में 54.40 लाख रुपये का योगदान दिया.

रजिस्ट्रार जनरल (Registrar General (Officiating) एमके शर्मा की र से जारी एक चेक औपचारिक रूप से मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को सौंपा गया. इससे पहले, हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी कर केंद्र शासित प्रदेश में बादल फटने की घटनाओं और अचानक आई बाढ़ के पीड़ितों की मदद के लिए राहत कोष में स्वैच्छिक योगदान की अपील की थी.

जम्मू-कश्मीर के जजों से मदद की अपील

आदेश के अनुसार, हाईकोर्ट के जजों से 20-20 हजार रुपये की मदद करने का आह्वान किया गया है. जबकि जिला जजों से 10-10 हजार रुपये और हर सिविल जज से 5 हजार रुपये देने को कहा गया है. इसके अलावा हाईकोर्ट और जिलास्तरीय न्यायपालिका में कार्यरत राजपत्रित अधिकारियों से 5 हजार रुपये तथा गैर-राजपत्रित स्टाफ से एक-एक हजार रुपये योगदान देने को अनुरोध किया गया था.

इससे पहले केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आई अभूतपूर्व बाढ़ ने सैकड़ों परिवारों को विस्थापित कर दिया है, साथ ही क्षेत्र में संपत्ति और आजीविका को भी भारी नुकसान पहुंचा है. प्राकृतिक आपदा की मार का सामना कर रहे लोगों को राहत देने के मकसद से हाईकोर्ट ने पिछले दिनों कहा था कि हम इस कठिन समय में लोगों के साथ मजबूती से खड़े है, राहत और पुनर्वास उपायों के लिए हर संभव मदद मुहैया कराते रहेंगे.

कोई टिप्पणी नहीं