कानपुर में 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर के विरोध से शुरू हुआ विवाद अब देश के कई शहरों में फैल गया है. कहीं "सर तन से जुदा' के नारे लगाए गए तो कहीं पथराव, धक्का-मुक्की और पुलिस से मारपीट तक की गई. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या यह आस्था की आजादी या कुछ और...?
कानपुर से शुरू हुआ ये बवाल अब देश के दूसरे शहरों तक पहुंच गया है और वहां से जो तस्वीरें आ रही हैं, वो चिंताजनक हैं.. मुस्लिम समाज गुस्से में है और हाथों में ‘I LOVE MOHAMMAD’ की तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहा है. ऐसी तस्वीरें लखनऊ, कानपुर, काशीपुर, लातूर और हैदराबाद से लेकर गुजरात के गोधरा सहित कई शहरों से आई हैं और कई विरोध प्रदर्शनों के दौरान लोगों ने कानून अपने हाथ में लिया है. पुलिस वालों से हाथापाई की. उन्हें दौड़ाया और उनकी वर्दी पर लगे स्टार तक नोंच लिए.
4 सितंबर को यूपी के कानपुर में एक पोस्टर लगाया गया था, जिस पर लिखा था आई लव मोहम्मद. बताया जा रहा है हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया था, जिसके बाद यूपी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 25 युवकों के खिलाफ केस दर्ज किया था. इससे मुस्लिम समाज भड़क गया.., और कई शहरों में प्रदर्शन होने लगे. सवाल ये हैं कि क्या किसी साजिश के तहत ये विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं?
कानपुर से शुरू हुआ विवाद कई शहरों तक पहुंचा
कानपुर से शुरू हुआ ये विवाद देश के दूसरे शहरों तक कैसे पहुंच गया है. शुरुआत करते हैं उत्तराखंड के शहर काशीपुर से. काशीपुर का माहौल अचानक बेकाबू हो गया. बिना अनुमति निकले जुलूस ने शहर को दंगे की आग में झोंकने की कोशिश की. पथराव, तोड़फोड़ और पुलिस पर हमला भी हुआ लेकिन खाकी के तेज एक्शन ने चंद मिनटों में हालात काबू में कर लिया. काशीपुर के अलीखान इलाके में अचानक कुछ लोग I Love मोहम्मद लिखे बैनर लेकर जुलूस निकालने लगे. न प्रशासन से अनुमति थी, न पुलिस को खबर. देखते ही देखते भीड़ बढ़ी और माहौल बेकाबू हो गया. पथराव, धक्का-मुक्की और पुलिस से मारपीट तक की नौबत आ गई.
पुलिस का कहना है कि जुलूस में 400 से 500 लोग शामिल थे और मंच से भड़काऊ भाषण दिए जा रहे थे. जब रोका गया तो भीड़ ने पुलिस पर हमला किया और सरकारी वाहनों को नुकसान पहुंचाया. इसके बाद धामी सरकार का बुलडोजर भी गरज पड़ा. जिस जगह से उपद्रव हुआ, वहां अतिक्रमण के खिलाफ एक्शन लिया गया.
महाराष्ट्र के लातूर में भी I LOVE MOHAMMAD
महाराष्ट्र के लातूर से हैरान करने वाली तस्वीरें आईं. यहां मुस्लिम समुदाय की ओर से आई लव मोहम्मद के नारे लगाते हुए एक भव्य रैली निकाली गई. ये रैली आजमगंज गोलाई से शुरू होकर टाउन हॉल तक पहुंची. रैली के दौरान माहौल पूरी तरह जोशीला था. जगह-जगह मुस्लिम समाज के लोग बड़ी संख्या में इस जुलूस में शामिल होते गए और देखते ही देखते हुजूम हजारों से बढ़कर लाखों की तादाद में बदल गया. इस रैली में लोगों ने यूपी सरकार मुर्दाबाद जैसे नारे भी लगाए. प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. पुलिस बल हर जगह तैनात रहा ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और किसी तरह की अप्रिय घटना न हो. लातूर में ये रैली शांतिपूर्ण रही, लेकिन नारों से माहौल गरमाता हुआ जरूर दिखाई दिया.
यूपी के उन्नाव में “सर तन से जुदा’ के नारे
यूपी के उन्नाव में भी कल देर शाम जुलूस में धार्मिक नारे लगाए गए. इस दौरान पुलिस और लोगों में टकराव हुआ. इस जुलूस में “सर तन से जुदा’ के नारे लगाए गए. इससे माहौल बिगड़ गया. पुलिस ने भीड़ को अलग करने के लिए लाठीचार्ज भी किया. मौके पर कई थानों की फोर्स और CO को तैनात किया गया. पुलिस का कहना है कि धारा 144 लगी होने के बावजूद जुलूस निकाला गया. पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया. इस घटना के बाद शहर में मुस्लिम समुदाय के लोगों और पुलिस अधिकारियों के बीच बैठक हुई. इसके बाद शहर काजी ने लोगों से अपील की है कि जो भी करें. कानून के दायरे में रहकर करें. जुलूस न निकालें.
इस पूरे विवाद में 3 पक्ष हैं..
- मुस्लिम पक्ष का कहना है कि I love mohammad.. ‘ये हमारी आस्था है, अपराध नहीं’
- हिंदू पक्ष का कहना है कि ‘बैनर लगाकर उकसाने की कोशिश’ की गई.
- जबकि पुलिस कह रही है कि ‘सड़क सबकी है, अनुमति जरूरी’ है.
पूरे विवाद पर राजनीति भी हो रही
अब इस पूरे विवाद पर राजनीति भी हो रही है. AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने एक पोस्ट में कानपुर के ADG को टैग करते हुए लिखा कि I LOVE MOHAMMAD कहना जुर्म नहीं है. अगर है तो इसकी हर सजा मंजूर है. वहीं नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा है कि Article 25-26 में धार्मिक आजादी दी गई है, लेकिन फिर भी आई लव मोहम्मद कहने पर जेल में डाल दिया जाता है.
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