Maa Katyayani Katha: नवरात्रि के छठे दिन जरूर पढ़ें मां कात्यायनी की कथा, शीघ्र विवाह के बनेंगे योग!
मां कात्यायनी की कथा: आज नवरात्रि का छठा दिन है, जो कि कात्यायनी माता को समर्पित है. इस दिन माता रानी के कात्यायनी स्वरूप की पूजा-अर्चना कर व्रत किया जाता है. नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की कथा का पाठ जरूर करना चाहिए. ऐसे में आइए पढ़ते हैं कात्यायनी माता की कथा.
नवरात्रि के छठे दिन की कथा: हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है. इस बार शारदीय नवरात्र की शुरुआत 22 सितंबर से हुई, जिसका समापन 2 अक्टूबर को होने जा रहा है. इस महापर्व के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि घर में मां कात्यायनी के आगमन से सुख-शांति का आगमन होता है और विवाह से जुड़ी सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं. नवरात्रि के छठे दिन व्रती को मां कात्यायनी की पूजा के दौरान व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए. ऐसे में आइए पढ़ते हैं कात्यायनी माता की कथा.
मां कात्यायनी की कथा क्या है?
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की कथा के अनुसार, एक समय की बात है, कत नाम के एक महर्षि थे, जिनके पुत्र का नाम कात्य था और उन्हीं के गोत्र में महर्षि कात्यायन हुए. महर्षि कात्यायन की कोई संतान नहीं थी, इसी वजह से उन्होंने पुत्री सुख प्राप्त करने के लिए देवी भगवती का कठोर तप किया. उनकी कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर देवी ने उन्हें वरदान दिया कि वह उनकी पुत्री के रूप में जन्म लेंगी.
मां कात्यायनी की कथा क्या है?
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की कथा के अनुसार, एक समय की बात है, कत नाम के एक महर्षि थे, जिनके पुत्र का नाम कात्य था और उन्हीं के गोत्र में महर्षि कात्यायन हुए. महर्षि कात्यायन की कोई संतान नहीं थी, इसी वजह से उन्होंने पुत्री सुख प्राप्त करने के लिए देवी भगवती का कठोर तप किया. उनकी कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर देवी ने उन्हें वरदान दिया कि वह उनकी पुत्री के रूप में जन्म लेंगी.
कात्यायनी माता की आरती
जय जय अम्बे जय कात्यायनी.
जय जगमाता जग की महारानी.
बैजनाथ स्थान तुम्हारा.
वहां वरदाती नाम पुकारा.
कई नाम हैं कई धाम हैं.
यह स्थान भी तो सुखधाम है.
हर मन्दिर में ज्योत तुम्हारी.
कही योगेश्वरी महिमा न्यारी.
हर जगह उत्सव होते रहते.
हर मन्दिर में भगत हैं कहते.
कात्यायनी रक्षक काया की.
ग्रंथि काटे मोह माया की.
झूठे मोह से छुडाने वाली.
अपना नाम जपाने वाली.
बृहस्पतिवार को पूजा करिए.
ध्यान कात्यायनी का धरिये.
हर संकट को दूर करेगी.
भंडारे भरपूर करेगी.
जो भी मां को भक्त पुकारे.
कात्यायनी सब कष्ट निवारे.
(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. XP News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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