BSF को मिले 167 जवान, पाकिस्तान को सबक सिखाने की ली शपथ
जम्मू-कश्मीर में 167 BSF जवानों की पासिंग आउट परेड हुई. 44 हफ्तों की कड़ी ट्रेनिंग के बाद उन्होंने देश सेवा की शपथ ली. कई जवान भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनाती चाहते हैं ताकि आतंकवाद का सफाया हो सके.
जम्मू-कश्मीर में पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया. इसमें 167 बीएसएफ जवानों ने 44 हफ्ते की कड़ी ट्रेनिंग पूरी कर बडगाम में पासिंग आउट परेड में देश सेवा की शपथ ली. ये जवान अब सीमाओं पर तैनात होंगे, जिनमें से कई जम्मू-कश्मीर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनाती चाहते हैं. ताकि आतंकवाद का सफाया हो सके. आईजी सोलोमन यश कुमार ने ऑपरेशन सिंदूर से प्रशिक्षित जवानों के उच्च मनोबल की सराहना करते हुए उनकी वफादारी पर जोर दिया है.
इस पासिंग आउट परेड के बाद सीमा सुरक्षा बल को 167 जवान मिले हैं. उन्होंने 44 हफ्ते की ट्रेनिंग पूरी कर ली है. उनकी परेड बडगाम स्थित एसटीसी बीएसएफ मुख्यालय में हुई, जहां उन्होंने देश के लिए मर मिटने की शपथ ली.
पाकिस्तान सीमा पर तैनाती चाहते हैं जवान
जम्मू-कश्मीर में अपनी ट्रेनिंग पूरी कर चुके इन जवानों में से ज्यादातर भारत और पाकिस्तान से लगती सीमाओं पर तैनात होना चाहते हैं. ताकि जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद का हमेशा के लिए सफाया हो जाए. अपनी 44 हफ्ते की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद आज जवान बेहद उत्साहित और जोश से भरे नजर आए कि वो बीएसएफ का हिस्सा बन गए हैं. उन्हें देश की सेवा करने का मौका मिला है.
ऑपरेशन सिंदूर के लिए तैयार हुए थे जवान
बीएसएफ ट्रेनिंग सेंटर के आईजी सोलोमन यश कुमार ने इस दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा 44 हफ्तों की एक विशेष ट्रेनिंग पाने वाले इन जवानों का मोराल हाय हैं, क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इन जवानों को किसी भी स्थिति से लड़ने के लिए स्टैंड बाय पर रखा गया था. एक मॉड्यूल बनाकर 2 हफ्ते की एक विशेष ट्रेनिंग देकर इन्हें तैयार रखा गया था. आईजी ने इन सभी रंगरूटों को बधाई दी और उम्मीद जताई कि जिस लगन और वफादारी के साथ उन्होंने अपनी ट्रेनिंग पूरी कर देश के प्रति मर मिटने की शपथ ली है. इसी वफादारी से यह देश की रक्षा में एक अहम योगदान पेश करेंगे.
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