IANS-Matrize Survey: NDA या INDIA… बिहार में किसकी बनेगी सरकार? आया चौंकाने वाला सर्वे
बिहार में चुनावी तारीखों के ऐलान के बाद ही एक चौंकाने वाला सर्वे आया है. इस सर्वे के मुताबिक, एनडीए सत्ता में वापसी कर सकता है. सर्वे में ये भी कहा गया है कि नीतीश कुमार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर के बावजूद विपक्ष उन्हें हटा नहीं पाएगा. जानें सीटों का गणित
बिहार में चुनावी तारीखों की घोषणा साथ-साथ इस पर भी मंथन शुरू हो गया है कि इस बार वहां (बिहार) किसकी सरकार बनेगी. एनडीए की दोबारा वापसी होगी या फिर राजद सत्ता की बागडोर संभालेगा या फिर पीके कुछ रंग दिखाएंगे. दरअसल, इसको लेकर एक सर्वे आया है. इसमें पार्टियों के वोट शेयर से लेकर किस दल को कितनी सीटें मिल सकती हैं, इसका भी जिक्र किया गया है.
सर्वे आईएएनएस-मैट्रिज (IANS-Matrize) का है. इसमें एनडीए के जीत की भविष्यवाणी की गई है. उसका वोट प्रतिशत 50 फीसदी के करीब बताया गया है. वहीं, आरजेडी के नेतृत्व वाले विपक्ष के कड़ी टक्कर देने की उम्मीद है. इस सर्वे में ये भी कहा गया है कि सत्ता विरोधी लहर के बावजूद विपक्ष नीतीश कुमार की सत्ता को उखाड़ नहीं पाएगा.
NDA को 150-160 सीटें मिलने का अनुमान
आईएएनएस-मैट्रिज सर्वे के मुताबिक, एनडीए को 49 प्रतिशत वोट शेयर मिलने की संभावना है. अगर सीट की बात करें तो डबल इंजन की सरकार के खाते में 150-160 सीटें आ सकती हैं. वहीं, अगर महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस-वाम गठबंधन) की बात करें तो उसे 36 प्रतिशत वोट शेयर मिलने की उम्मीद है. अगर इसको सीट में बदले तो यह 70-85 सीटों के आसपास हो सकती है.
PK की जन सुराज को 7% वोट शेयर
सर्वे में कहा गया है कि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को 7 प्रतिशत वोट शेयर मिलने की उम्मीद है यानी जन सुराज अकेले 2-5 सीटें जीत सकती है. बहुजन समाज पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा सहित अन्य दलों को 7 प्रतिशत वोट शेयर मिलने की उम्मीद है, जो 7-10 सीटों के बराबर है. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को एक फीसदी वोट शेयर मिलने की उम्मीद है.
इस सर्वे के मुताबिक, बीजेपी और आरजेडी को इस चुनाव में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की उम्मीद है. दोनों को 21 प्रतिशत वोट शेयर मिलने का अनुमान है. नीतीश कुमार की JDU पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले बेहतर कर सकती है.
जेडीयू को 18 प्रतिशत वोट शेयर और 60-65 सीटें मिलने की उम्मीद है. वहीं, चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) 6 प्रतिशत वोट शेयर के साथ स्थिर दिख रही है और उसके खाते में 4-6 सीटें आ सकती हैं. ‘वोट चोरी’ अभियान के बाद भी कांग्रेस लड़खड़ाती नजर आ रही है. उसे महज 8 प्रतिशत वोट शेयर पर संतोष करना पड़ सकता है.
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