सीटों से चेहरों तक की रणनीति… पटना में कल क्लियर हो जाएगी NDA की तस्वीर, जानें कब आएगी BJP उम्मीदवारों की लिस्ट
पटना में शनिवार को एनडीए में सीटों का ऐलान होगा. साथ ही बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर कल सुबह 11 बजे बिहार बीजेपी के नेताओं की बैठक होगी. बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक और केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उम्मीदवारों पर मुहर लगेगी.
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के लिए ऐलान के बाद अब शनिवार को पटना में एनडीए में सीटों का ऐलान होगा. इसमें ये क्लियर हो जाएगा कि गठबंधन का कौन सा दल कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा. इसके बाद रविवार को बीजेपी कोर ग्रुप की दिल्ली में बैठक होगी. इस बैठक के अगले दिन बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक कर बिहार विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगेगी.
बिहार बीजेपी के नेताओं की बैठक बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर कल सुबह 11 बजे होगी. कोर ग्रुप में विधानसभा उम्मीदवारों के नाम की स्क्रूटनी होगी. बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े, बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, संगठन मंत्री भिखु भाई दालसानिया, क्षेत्रीय संगठन मंत्री नागेंद्र, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह शामिल होंगे.
चिराग ने एनडीए के लिए समीकरणों को बनाया पेचीदा
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) अध्यक्ष चिराग पासवान ने ज्यादा सीटों की डिमांड करके एनडीए के लिए समीकरणों को पेचीदा बना दिया है. हालांकि, गठबंधन के नेताओं को उम्मीद है कि इसका जल्द समाधान निकल आएगा. एनडीए में गतिरोध की बड़ी वजह चिराग के अपने रुख पर अडिग रहने को माना जा रहा है. एनडीए ही नहीं विपक्षी महागठबंधन में भी सीट शेयरिंग पर गतिरोध बना हुआ है.
सब कुछ सकारात्मक है: नित्यानंद राय
सूत्रों का कहना है, कई मौकों पर खुद को पीएम मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग अधिक सीटों की अपनी मांग पर अडिग हैं. हालांकि, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय का कहना है कि सब कुछ सकारात्मक है. ये बात उन्होंने चिराग से मुलाकात के बाद कही. बता दें कि साल 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ने वाले चिराग इस बार एनडीए का हिस्सा हैं.
पिछले विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने जेडीयू के खिलाफ अपने उम्मीवार उतारने की रणनीति अपनाई थी. इसका असर ये रहा कि नीतीश की पार्टी 43 सीटों पर सिमट गई थी. साल 2020 में चिराग की पार्टी ने 135 उम्मीदवार उतारे थे. हालांकि, इनमें से जीत केवल एक ही उम्मीदवार को मिली थी लेकिन चिराग फैक्टर से नीतीश कुमार की पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ था.
ताकत दिखाने के बाद मांग पर अडिग चिराग
नीतीश से मतभेद की वजह से 2020 में एनडीए से अलग हुए चिराग 2024 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर एनडीए में लौटे और उनकी पार्टी 5 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ी. इस बार चिराग की पार्टी के सभी उम्मीदवारों ने जीत दर्ज करके अपनी ताकत साबित की. यही वजह है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में वो ज्यादा सीटों की उम्मीद लगाए हैं.
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