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भारत संग रिश्ते अब नई ऊंचाइयों पर…News9 Global Summit में जर्मनी के विदेश मंत्री डॉ. योहान वेडफुल का संदेश

News9 Global Summit 2025 में जर्मनी के विदेश मंत्री डॉ. योहान वेडफुल (Johann Wadephul) ने भारत और जर्मनी के बीच 25 साल की रणनीतिक साझेदारी और लगभग 60 साल पुराने सांस्कृतिक रिश्तों पर बात की. साथ ही कहा कि अगले 25 साल में भारत के साथ रिश्ते और मजबूत होंगे.

TV9 नेटवर्क के न्यूज9 ग्लोबल समिट के जर्मनी एडिशन-2025 का आगाज हो चुका है. कार्यक्रम की शुरुआत TV9 नेटवर्क के एमडी-सीईओ बरुण दास के संबोधन के साथ हुई. समिट में मौजूद लोगों का स्वागत करते हुए उन्होंने बताया कि भारत और जर्मनी के संबंध कितने मजबूत हो चुके हैं. इसके बाद समिट को जर्मनी के विदेश मंत्री डॉ. योहान वेडफुल (Johann Wadephul) ने संबोधित किया.

उन्होंने भारत और जर्मनी के बीच 25 साल की रणनीतिक साझेदारी और लगभग 60 साल पुराने सांस्कृतिक रिश्तों पर बात की. उन्होंने कहा कि ये सिर्फ आंकड़े नहीं हैं, बल्कि दोनों देशों के बीच गहरे और बहुआयामी रिश्तों की निशानी हैं, जो अब और भी मजबूत हो रहे हैं. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ चर्चाओं को भविष्य की साझेदारी के लिए प्रेरणादायक बताया.

भारत जर्मनी साझेदारी की शुरुआत कब हुई?

योहान वेडफुल ने कहा कि दोनों देशों के बीच ये साझेदारी साल 2000 में शुरू हुई थी, जब दुनिया का हाल आज से बिल्कुल अलग था. उस वक्त इंटरनेट नया था, बर्लिन की दीवार गिरी कुछ ही साल हुए थे, और भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार की लहर चल रही थी. तब जर्मनी की तकनीकी क्षमता और औद्योगिक ताकत को भारत की उद्यमशीलता और युवा ऊर्जा के साथ जोड़ने का विचार आया. और वही सोच आज हकीकत बन चुकी है.

आर्थिक रिश्ते और विकास पर जोर

योहान वेडफुल ने बताया कि आज भारत, जर्मनी के लिए एशिया में सबसे अहम साझेदार बन चुका है. जर्मनी यूरोपीय संघ (EU) में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. पिछले साल दोनों देशों के बीच व्यापार 31 अरब यूरो तक पहुंचा. दोनों देशों का लक्ष्य है कि आने वाले सालों में यह आंकड़ा दोगुना हो जाए. इसके लिए भारत और यूरोपीय संघ के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर भी काम चल रहा है, जिससे कारोबार को और बढ़ावा मिलेगा. भारत में जर्मन तकनीक ने ऊर्जा, बुनियादी ढांचे और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में अहम भूमिका निभाई है, वहीं भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था और टैलेंट जर्मन कंपनियों के लिए बड़े अवसर लेकर आई है.

भारत के साथ रिश्ते बनाए रखना जरूरी

भारत और जर्मनी के रिश्ते सिर्फ अर्थव्यवस्था तक सीमित नहीं हैं. ये साझेदारी लोकतंत्र, मानवाधिकार और टिकाऊ विकास जैसे साझा मूल्यों पर भी आधारित है. दोनों देश वैश्विक मंचों पर मिलकर जलवायु परिवर्तन, क्षेत्रीय संघर्ष और डिजिटल युग की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.

डॉ. वेडफुल ने कहा कि मौजूदा समय में दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है. शक्ति संतुलन बदल रहे हैं, सप्लाई चेन में रुकावटें हैं और डिजिटल क्रांति सब कुछ नया आकार दे रही है. ऐसे में, भारत जैसे भरोसेमंद साझेदार के साथ मजबूत रिश्ते बनाए रखना बेहद जरूरी है.

अगले 25 साल में नई ऊंचाई पर होगी ये साझेदारी

दोनों देशों ने मिलकर कई नए क्षेत्रों में काम करने का संकल्प लिया है. जैसे कि स्किल्ड माइग्रेशन (कुशल पेशेवरों का आदान-प्रदान), ऊर्जा परिवर्तन, डिजिटलीकरण, सुरक्षा और रक्षा सहयोग. डॉ. वेडफुल ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि भारत और जर्मनी आने वाले वर्षों में हर चुनौती का सामना मिलकर करेंगे और अपने रिश्तों को और गहरा बनाएंगे. उन्होंने अपने संबोधन का अंत इन शब्दों से किया- आने वाले 25 साल हमारी साझेदारी को और नई ऊँचाइयों तक लेकर जाएंगे.


 

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